छत्तीसगढ़

बिहान से अनिता की बदली किस्मत : हॉलर मिल, किराना एवं पत्तल-दोना व्यवसाय से बनी लखपति दीदी

Anita's luck changed with Bihaan: Didi became a millionaire from Haller Mill, Grocery and Leaf-Dona Business

रायपुर । बिलासपुर संभाग के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले पेंड्रा विकासखंड के ग्राम भाड़ी की मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली अनिता आज ‘लखपति दीदी’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनकी यह सफलता ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान योजना‘ की देन है, जिसने उन्हें स्वावलंबन की राह दिखाई। अनिता ने बताया कि वह शुरू से ही कुछ कर दिखाने की चाह रखती थीं, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्हें अवसर नहीं मिल पा रहा था। जब उन्होंने संतोषी महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी और बिहान योजना के अंतर्गत लोन की सुविधा पाई, तो उन्होंने अपने सपनों को आकार देना शुरू किया। उन्होंने एक लाख रुपए लोन लेकर हॉलर मिल, दोना-पत्तल निर्माण मशीन और किराना दुकान की शुरुआत की। धीरे-धीरे मेहनत रंग लाई और आज वे इन तीनों गतिविधियों से अच्छी-खासी आमदनी अर्जित कर रही हैं। उनके जीवन की दिशा बदल गई और अब वे आत्मनिर्भर, सशक्त और प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं।

समूह से मिली नई पहचान

अनिता ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूह में शामिल होने के बाद उन्हें आत्मबल मिला और समूह की मदद से उन्होंने व्यापार की मूल सीखी। आज वे अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं कि वे स्वयं पर विश्वास रखें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनें। अनिता ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया, जिनकी योजनाओं ने गांव-गांव तक विकास की रोशनी पहुंचाई है।

महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य अनिता ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि वे समूह से जुड़ने के बाद व्यवसायिक गतिविधियों से प्रतिमाह लगभग 18 हजार रुपए तक कमा लेती हैं। उनका आत्मविश्वास और सामाजिक पहचान अब पहले से कई गुना बढ़ चुका है। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जो क्रांति आ रही है, वह निश्चित ही आने वाले समय में गांवों की आर्थिक दशा को मजबूत बनाएगी। श्रीमती अनिता जैसी महिलाएं आज इस परिवर्तन की अग्रदूत बनकर सामने आ रही हैं।

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