छत्तीसगढ़

आधुनिक खेती से बढ़ा रमाकांत की आमदनी

Ramakant's income increased due to modern farming

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना : रमाकांत ने मात्र 0.40 हेक्टेयर भूमि में की थी ग्राफ्टेड बैंगन की खेती

रायपुर । महासमुंद जिले के सरायपाली ब्लॉक स्थित ग्राम पण्डरीपानी के किसान रमाकांत पटेल आधुनिक कृषि उपकरणों एवं नवीन तकनीक का सही इस्तेमाल कर अपनी आमदनी बढ़ाने में सफलता हासिल की है। अधिकतर किसान जहां पारंपरिक खेती के भरोसे सीमित आमदनी से जूझ रहे हैं, वहीं रमाकांत ने शासकीय योजनाओं का समुचित लाभ उठाते हुए और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर खेती को समृद्धि और आत्मनिर्भरता का जरिया बना दिया है।गौरतलब है कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 2024-25 के तहत रमाकांत ने मात्र 0.40 हेक्टेयर भूमि में ग्राफ्टेड बैंगन की खेती की। रमाकांत ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 2024-25 के तहत मिले सहयोग से केवल 0.40 हेक्टेयर भूमि में ग्राफ्टेड बैंगन की खेती शुरू की। परंपरागत तरीके छोड़कर उन्होंने ड्रिप सिंचाई प्रणाली, मल्चिंग तकनीक और आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया। परिणामस्वरूप, उन्हें 300 क्विंटल बैंगन की शानदार पैदावार प्राप्त हुई, जिससे उन्होंने लगभग 5 लाख रुपए की आमदनी अर्जित की। रमाकांत बताते हैं कि यदि बाजार भाव और बेहतर होते, तो कमाई इससे भी अधिक हो सकती थी। सफलता से उत्साहित होकर अब वे 3 एकड़ भूमि में मिर्च, बैंगन और करेला जैसी फसलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि बाजार में फसल की अच्छी कीमत मिलती, तो यह आंकड़ा और भी अधिक हो सकता था। इस सफलता से उत्साहित होकर उन्होंने अब मिर्च, बैंगन और करेला की खेती को विस्तार देते हुए 3 एकड़ भूमि में यह कार्य शुरू किया है।  रमाकांत की सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि छोटे किसान आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाएं और सरकारी योजनाओं का सही ढंग से लाभ उठाएं, तो वे आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ सकते हैं और सब्ज़ी की खेती से शानदार मुनाफा कमा सकते हैं। रमाकांत की मेहनत और सूझबूझ इस बात का उदाहरण है कि यदि नीति, तकनीक और परिश्रम का सही संगम हो, तो गांवों से ही समृद्धि की नई इबारत लिखी जा सकती है।

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