छत्तीसगढ़

प्रोजेक्ट युवा : युवतियों के साथ-साथ युवक भी ले रहे पाककला में प्रशिक्षण

Project Yuva: Along with girls, boys are also getting training in cooking

लाईवलीहुड कॉलेज में आयोजित कुकिंग-बेकिंग ट्रेनिंग में 34 युवा तराश रहे अपना हुनर

रायपुर । खाना पकाने का शौक वैसे तो महिलाओं को होता है, किन्तु आज के दौर में पाककला के क्षेत्र में पुरूष भी आगे बढ़कर रूचि दिखा रहे हैं। जिले के ऐसे ही युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने, उन्हें रोजगार और स्व रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा की पहल पर प्रोजेक्ट युवा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत युवाओं को उनकी रूचि के अनुसार व्यवसाय में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें। जिले के लाईवलीहुड कॉलेज में भी युवाओं को पाककला में दक्ष किया जा रहा है। कुकिंग-बेकिंग की ट्रेनिक मे न केवल युवतियां बल्कि युवक भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। यहां 30 युवतियां और 4 युवक खाना बनाने का प्रशिक्षण लेकर अपना हुनर को तराश रहे हैं। एक माह तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में फास्टफूड, चायनीज, स्वीटस्, मेनकोर्स और बेकिंग से बनने वाली लगभग 150 पकवानों को बनाने के तरीके को बारिकी से समझाया जा रहा है। इस कुकिंग-बेकिंग क्लास में युवाओं से प्रेक्टिकल भी कराया जा रहा है। युवाओं को जगदलपुर की श्रीमती ज्योति सुराना और धमतरी के सिमरन कौर तथा प्रतीमा साहू बतौर ट्रेनर कुकिंग-बेकिंग की ट्रेनिंग दे रहे हैं। यहां ट्रेनिंग लेने वाली हिना चंद्राकर ने बताया कि वैसे तो महिलाओं को खाना बनाना आता ही है, लेकिन पाककला की बारीकियों को समझने, इसे रोजगार के तौर पर स्थापित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा दी जाए रही ट्रेनिंग सराहनीय है। इसकी मदद से अपने हुनर को निखारकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने बताया कि वे ट्रेनिंग में फास्टफूड, चायनिज जैसे लोकप्रिय व्यंजन बनाना सीखा है और भी पकवान और खाना बनाने के तौर-तरीके सीख रहीं हैं। इसकी ट्रेनिंग के बाद वे रेस्टोरेंट या होटल में शेफ की नौकरी भी कर सकेंगी अथवा स्वयं का व्यावसाय प्रारंभ कर सकतीं हैं। पाककला का प्रशिक्षण ले रहे दीपक दास ने बताया कि उनका फुड स्टाल है, लेकिन ज्यादा आईडिया न होने के कारण वे अपने स्टाल में सीमित सामग्री बनाकर रखतें हैं। वे इस प्रशिक्षण में अपने व्यंजन बनाने की कला को बढ़ाने के लिए दक्ष हो रहे हैं। यहां उन्होंने पावभाजी, सेंडविच, चाउमीन आदि बनाना सीखा है। अब वे अपने स्टॉल में ज्यादा स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर अपनी आय को आसानी से बढ़ा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन का धन्यवाद किया है।

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