छत्तीसगढ़

कुपोषण से सुपोषण की ओर: यक्ष की मुस्कान में चमकता नया छत्तीसगढ़

From malnutrition to nutrition: New Chhattisgarh shines in the smile of Yaksh

शासन की जनहितकारी योजनाओं से बच्चों को मिल रहा नया जीवन

रायपुर । छत्तीसगढ़ में कुपोषण के खिलाफ एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है। भूख और कुपोषण की बेड़ियां टूट रही हैं, और बच्चों की आंखों में उम्मीद की चमक साफ दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुपोषित छत्तीसगढ़ का सपना अब हकीकत बन रहा है। उनका कहना है, हर बच्चा स्वस्थ हो, यही सच्चा सुशासन है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में यह संकल्प अब धरातल पर उतर रहा है।

दुर्ग की 77 ग्राम पंचायतों को कुपोषण मुक्त बनाने का लक्ष्य

दुर्ग जिले की 77 ग्राम पंचायतों को कुपोषण मुक्त बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में ग्राम पंचायत करेला की कहानी प्रेरणादायक है। कुछ महीने पहले, करेला के आंगनबाड़ी केंद्र 1 में पंजीकृत बालक यक्ष मध्यम कुपोषण से जूझ रहा था। उसका वजन मात्र 9.8 किलोग्राम था, और वह घर का खाना छोड़कर अस्वस्थ पैकेटबंद भोजन पर निर्भर था।

मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना ने बदली तस्वीर

मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत यक्ष का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ, जिसने उसके जीवन में बदलाव की शुरुआत की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती दुर्गेश्वरी वर्मा और पर्यवेक्षक श्रीमती ममता साहू ने यक्ष के माता-पिता को पोषण का महत्व समझाया और घरेलू तरीकों से पौष्टिक भोजन तैयार करने की विधि सिखाई। ग्राम सरपंच डॉ. राजेश बंछोर ने पोषण खजाना योजना के अंतर्गत दाल, गुड़, और मूंगफली जैसी पौष्टिक सामग्री उपलब्ध कराई। जिससे यक्ष की सेहत में अभूतपूर्व बदलाव आया।नियमित आंगनबाड़ी केंद्र में भेजे जाने के बाद यक्ष में खाने की रुचि जागी। समूह भोजन के माहौल, सुबह अंकुरित अनाज, रेडी-टू-ईट पोषण आहार और माँ के स्नेह से तैयार भोजन ने उसकी सेहत को नई दिशा दी। आज यक्ष का वजन बढ़कर 11.5 किलोग्राम और लंबाई 89 सेंटीमीटर हो गई है। वह अब पूरी तरह सुपोषित है। उसकी चमकती आँखें और चेहरे पर खिलती मुस्कान न केवल उसके स्वास्थ्य, बल्कि नए छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की गवाही दे रही हैं।

परिवार ने जताया शासन का आभार

यक्ष के परिवार ने भावुक होकर शासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, समय पर मिली इस मदद ने हमारे बच्चे को नया जीवन दिया। अगर यह सहायता नहीं मिलती, तो शायद हमारा यक्ष आज भी कमजोर और बीमार होता।

सुपोषित छत्तीसगढ़ की दिशा में बढ़ता कदम

यक्ष की कहानी केवल एक बच्चे की नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के उन तमाम बच्चों की है, जिनके लिए शासन की योजनाएं जीवन में नई रोशनी ला रही हैं। कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ का यह अभियान न केवल बच्चों की सेहत सुधार रहा है, बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की नींव भी रख रहा है।

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