छत्तीसगढ़

शाला प्रवेश उत्सव में शामिल हुए दयाल दास बघेल

Dayal Das Baghel participated in the school admission festival

खाद्य मंत्री ने किया अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण

बच्चों की शिक्षा में अभिभावकों की भागीदारी जरूरी: खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल

रायपुर। खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल आज बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखंड के ग्राम बदनारा में आयोजित विकासखंड स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने नव प्रवेशी विद्यार्थियों को शिक्षा की नई यात्रा के लिए शुभकामनाएँ दीं और अपने प्रेरणादायक उद्बोधन से बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया।

कार्यक्रम के दौरान मंत्री श्री बघेल ने बच्चों को पाठ्यपुस्तकें एवं गणवेश वितरित किए और मुंह मीठा कराकर उनका स्वागत किया। गुलाल और तिलक से बच्चों का पारंपरिक रूप से स्वागत कर शिक्षा की इस नई यात्रा की शुरुआत को उत्सव में बदला गया। उन्होंने विद्यालय में निर्मित एक अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण भी किया। बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

अपने संबोधन में मंत्री श्री बघेल ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है। विद्यालय एक ऐसा मंदिर है जहाँ से बच्चों का संपूर्ण विकास आरंभ होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। गणवेश, पाठ्यपुस्तक, मध्यान्ह भोजन, छात्रवृत्ति जैसी योजनाएँ इसी दिशा में मजबूत कड़ी हैं।

मंत्री श्री बघेल ने कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह बच्चों के सोचने-समझने और व्यवहार में बदलाव लाने वाली होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों के भीतर छिपी प्रतिभा को पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास होना चाहिए कि गांव का हर बच्चा स्कूल आए, शिक्षा पाए और आत्मनिर्भर बने।

उन्होंने अभिभावकों से विशेष अपील करते हुए कहा कि वे बच्चों की पढ़ाई में सक्रिय रुचि लें। आप अपने बच्चों से रोज पूछें कि आज स्कूल में क्या सीखा? इससे बच्चे न केवल उत्साहित होंगे, बल्कि शिक्षक भी बेहतर शिक्षण के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि शाला प्रवेश उत्सव केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि शिक्षा के महत्व को समाज तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम है। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष श्री खोर बाहरा साहू, श्री अजय साहू, जिला शिक्षा अधिकारी सरपंच-पंचगण, शिक्षकगण, ग्रामीणजन और छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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