छत्तीसगढ़

रासायनिक खादों की कालाबाजारी बर्दास्त नहीं, समितियों में खाद का हो पर्याप्त भण्डारण: मंत्री केदार कश्यप

Black marketing of chemical fertilizers will not be tolerated, there should be adequate storage of fertilizers in the committees: Minister Kedar Kashyap

उपलब्धता के हिसाब से किसानों को मांग के अनुरूप मिले रासायनिक खाद 

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कमी को देखते हुए किसानों को वैकल्पिक खाद के लिए करें जागरूक 

बैठक में उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधि हुए शामिल 

उपलब्धता के हिसाब से किसानों को मांग के अनुरूप मिले रासायनिक खाद

रायपुर।  सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डीएपी खाद की कमी को देखते हुए प्रदेश में डीएपी खाद की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पा रही है तो डीएपी के वैकल्पिक खादों के प्रति किसानों को जागरूक करें और जो वैकल्पिक खाद उपलब्ध है किसानों को दिया जाए। उन्होंने बैठक में कहा कि किसानों को सहुलियतें प्रदान करना हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता है। मंत्री श्री केदार कश्यप आज अपने नवा रायपुर स्थित निवास कार्यालय में सहकारिता और उर्वरक कंपनियों के अधिकारियों की बैठक में किसानों को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित बनाए रखने के संबंध में समीक्षा कर रहे थे।

सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि रासायनिक खाद की कालाबाजारी बर्दास्त नहीं की जाएगी। ऐसे गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों व केन्द्र संचालकों के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने सहकारिता विभाग के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में 2058 सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में रासायनिक खाद का भण्डारण हो और किसानों की मांग के अनुरूप खाद मिले यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने नैनो यूरिया, नैनी डीएपी के छिड़काव के प्रति भी किसानों को जागरूक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

बैठक में सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डीएपी खाद की आपूर्ति के संबंध में कंपनी के प्रतिनिधियों से समन्वय कर खाद सप्लाई के लिए विभागीय स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले समय में डीएपी खाद सप्लाई की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025 के लिए किसानों के मांग के अनुरूप विभाग 10.73 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद का लक्ष्य निर्धारित किया है। लक्ष्य के विरूद्ध 5.85 लाख मीट्रिक टन का भण्डारण किया जा चुका है तथा किसानों को 4.37 लाख मीट्रिक टन खाद वितरित किए जा चुके हैं। वर्तमान में समितियों में 1.18 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है।

अधिकारियों ने बताया कि डीएपी का लक्ष्य 78 हजार 331 मीट्रिक टन है। इसके विरूद्ध अब तक 75 हजार 428 मीट्रिक टन डीएपी का भण्डारण किया जाकर किसानों को 61 हजार 137 मीट्रिक टन खाद वितरण किया जा चुका है। समितियों में 14 हजार 291 मीट्रिक टन डीएपी खाद शेष है। डीएपी खाद की कमी के कारण एनपीके का लक्ष्य बढ़कर 3 लाख 16 हजार मीट्रिक टन हो गया है। लक्ष्य के विरूद्ध 93 हजार 467 मीट्रिक टन एनपीके का भण्डारण किया जाकर किसानों को 74 हजार 545 मीट्रिक टन एनपीके खाद का वितरण किया जा चुका है। समितियों में 18 हजार 922 मीट्रिक टन एनपीके शेष है। ज्यादा से ज्यादा एनपीके के सप्लाई के लिए कंपनियों के साथ निरंतर समन्वय किया जा रहा है।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन 2025 के लिए मांग के अनुरूप यूरिया का लक्ष्य 4.54 लाख मीट्रिक टन है। लक्ष्य के विरूद्ध 2.88 लाख मीट्रिक टन का भण्डारण कर 1.91 लाख मीट्रिक टन यूरिया का वितरण किसानों को किया जा चुका है, इसी प्रकार एमओपी का लक्ष्य 46 हजार 360 मीट्रिक टन है। लक्ष्य के विरूद्ध 55 हजार 611 मीट्रिक टन एमओपी का भण्डारण कर किसानों को 29 हजार 851 मीट्रिक टन एमओपी का वितरण किया जा चुका है। इसी प्रकार एसएसपी (समस्त) का लक्ष्य 1.76 लाख मीट्रिक टन निर्धारित है। लक्ष्य के विरूद्ध 1.28 लाख मीट्रिक भण्डारण कर किसानों को 65 हजार 878 मीट्रिक टन एसएसपी का वितरण किए जा चुके हैं।

बैठक में अपेक्स बैंक के चेयरमेन श्री केदारनाथ गुप्ता सहित रासायनिक खाद कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर आयुक्त सहकारिता व पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री कुलदीप शर्मा मार्कफेड की एमडी श्रीमती किरण कौशल, संचालक कृषि श्री राहुल देव, अपेक्स बैंक के एमडी श्री के.एन. काण्डे सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं खाद कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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