छत्तीसगढ़

शराब घोटाले में 2,100 पन्नों का चौथा चालान पेश

2,100 pages long fourth challan presented in liquor scam

रायपुर: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुआ शराब घोटाला अब 3,200 करोड़ तक पहुंच गया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ विशेष अदालत में 2,100 पन्नों का चौथा चालान पेश किया है। इसमें 138 पेज की समरी और 227 गवाह, अधिकारियों के द्वारा किए गए घोटाले का जिक्र है।

चालान के अनुसार, इन अधिकारियों ने करीब 2,174 करोड़ रुपये की बिना ड्यूटी पेड शराब को अवैध रूप से बेचकर प्रदेश को राजस्व नुकसान पहुंचाया। वहीं, बिना इनवाइस (यह एक ऐसा दस्तावेज होता है जो विक्रेता द्वारा खरीदार को दिया जाता है और उसमें बेचे गए सामान या प्रदान की गई सेवाओं का विवरण, उनकी मात्रा, दर और कुल देय राशि लिखी होती है।) के बिकी इन शराबों से 15 जिलों के 29 आबकारी अधिकारियों ने 1 करोड़ से लेकर 11 करोड़ रुपये तक कमाई की।

इस सिंडिकेट का संचालन पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर और तत्कालीन आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी द्वारा किया जा रहा था, जबकि जनार्दन कौरव और नितिन खंडूजा इस पूरी व्यवस्था के संचालनकर्ता के रूप में सामने आए हैं। रायपुर, दुर्ग, महासमुंद, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली और बालौद जैसे जिलों में लगभग 66 लाख पेटियां बी-पार्ट शराब बेचकर एक से 11 करोड़ रुपये तक की काली कमाई अधिकारियों ने की।

चालान में बताया गया है कि दुर्ग के एक कद्दावर नेता को हर महीने 10 करोड़ रुपये पहुंचाए जाते थे। आरोपी अधिकारियों के पास करोड़ों की बेनामी संपत्ति, जमीन, गहने और आलीशान बंगले पाए गए हैं, जिन्हें ईओडब्ल्यू जल्द जब्त कर सकती है।

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