महिला बाल विकास मंत्री ने बीजापुर में बच्चों, महिलाओं और दिव्यांगों के लिए संचालित सेवाओं का किया निरीक्षण
Women and Child Development Minister inspected the services run for children, women and disabled people in Bijapur

बालक-बालिकाओं तथा महिलाओं के लिए संवेदनशील बने – श्रीमती लक्ष्मी राजवाडे़
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने बीजापुर स्थित किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत संचालित बालक बालगृह (टुमोरोज फाउंडेशन) और जिला बालिका गृह का निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों संस्थाओं में निवासरत बच्चों से आत्मीय संवाद करते हुए उनकी दिनचर्या, खानपान, शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन संबंधी गतिविधियों की जानकारी ली।
मंत्री जी ने विशेष रूप से बच्चों की पढ़ाई पर बल देते हुए कहा कि पढ़ाई के लिए सभी आवश्यक संसाधनों, ट्यूशन कक्षाओं और डिजिटल लर्निंग जैसी सुविधाएं हर बालक-बालिका को मिलनी चाहिए। बालिका गृह में रह रही एक दिव्यांग बालिका की विशेष आवश्यकता को समझते हुए उन्होंने समाज कल्याण विभाग के समन्वय से कृत्रिम पैर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे उसकी शिक्षा और जीवन में सहजता लाई जा सके।
सखी वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं की सुरक्षा और पुनर्वास का जायजा
मंत्री श्रीमती राजवाड़े बीजापुर के सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंचीं, जहां उन्होंने वहां दी जा रही सेवाओं की जानकारी ली। केंद्र में कार्यरत अधिकारियों ने जानकारी दी कि सेंटर में प्रतिमाह औसतन 12 से 20 केस आते हैं, जिनमें काउंसलिंग, विधिक सहायता, चिकित्सा सेवाएं और आश्रय जैसी सेवाएं दी जाती हैं। कुछ मामलों में पीड़िताओं की सहमति से एफआईआर की प्रक्रिया भी पूरी की जाती है। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने इस दौरान महिलाओं के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने और उनके सम्मान की रक्षा सुनिश्चित करने की बात कही।
संवेदना और समावेशन का केंद्र:समर्थ विद्यालय का निरीक्षण
बीजापुर एजुकेशन सिटी स्थित समर्थ विद्यालय का भ्रमण मंत्री श्रीमती राजवाड़े के दौरे का सबसे भावनात्मक क्षण रहा। उन्होंने संवेदी कक्ष में दिव्यांग बच्चों के लिए की जा रही गतिविधियों का अवलोकन किया और पुनर्वास केंद्र में उपलब्ध उपकरणों और सेवाओं की सराहना की। दिव्यांग बच्चों ने मंत्री महोदया के स्वागत में सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे देखकर मंत्री भावविभोर हो गईं। उन्होंने बच्चों से पढ़ाई, रुचियों और सपनों पर चर्चा की और फल व चॉकलेट भेंट कर उन्हें प्रोत्साहित किया। इस मुलाकात ने बच्चों को आत्मीयता और सामाजिक स्वीकृति का अनुभव कराया।
नशामुक्ति केंद्र का दौरा: जीवन को फिर से संवारने की प्रेरणा
अपने दौरे के अंतिम चरण में मंत्री राजवाड़े नशामुक्ति केंद्र पहुंचीं और वहाँ उपचाररत व्यक्तियों से संवाद किया। उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन अनमोल है और परिवार के साथ प्रेमपूर्वक और गरिमामयी जीवन जीने की ओर अग्रसर होना ही सच्ची पुनर्वास की राह है।उन्होंने नशामुक्ति केंद्र में चल रही चिकित्सकीय एवं मानसिक परामर्श सेवाओं की समीक्षा कर ज़रूरतमंदों के लिए विशेष सहयोग की बात कही।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है कि हर बच्चा, हर महिला और हर विशेष आवश्यकता वाला व्यक्ति सम्मान के साथ जीवन जी सके और उन्हें शासन की सभी सेवाओं का लाभ सरलता से मिले।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक श्री पी.एल. एल्मा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार सहित अनेक विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने मंत्री महोदया को जिले में संचालित योजनाओं और सेवाओं की जानकारी दी और भविष्य में और बेहतर कार्ययोजना के लिए मार्गदर्शन प्राप्त किया।