छत्तीसगढ़

समृद्ध विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में छत्तीसगढ का विशेष स्थान

Chhattisgarh has a special place in the field of rich heritage, natural beauty and cultural tourism

आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे विकास, पर्यटन स्थलों के विकास से पर्यटक होंगे आकर्षित

रायपुर । पर्यटन ऐतिहासिक स्मारकों और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण को भी प्रोत्साहित करता है। यह विभिन्न संस्कृतियों के बीच समझ को बढ़ावा देता है, जिससे लोगों को एक-दूसरे की परंपराओं और मूल्यों को सीखने का अवसर मिलता है। सतत पर्यटन को बढ़ावा देने से यह सुनिश्चित होता है कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहें। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि पर्यटकों को आकर्षित करके, पर्यटन आतिथ्य, परिवहन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में राजस्व, रोजगार और स्वरोजगार के व्यावसायिक अवसर पैदा होते हैं। छत्तीसगढ अपनी समृद्ध विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और विविध संस्कृति के कारण पर्यटन के क्षेत्र में अपना अलग स्थान रखता है।

जशपुर जिले में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तरीय पर्यटन समिति की बैठक आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे विकास, पर्यटन स्थलों का विकास, पर्यटन प्रचार-प्रसार और पर्यटन संबंधी अन्य विषय शामिल थे। जशपुर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिले के पर्यटन समिति की बैठक में आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे विकास की पहल हेतु प्रमुख पर्यटन स्थलों के समीप कलस्टर तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा जिले में पर्यटन विकास कार्यों हेतु विस्तृत परियोजना प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया।

पर्यटन स्थल कैलाशगुफा, दनगरी, राजपुर,  खुड़िया रानी के विकास कार्य की हुई समीक्षा

बैठक में मयाली सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के विकास हेतु डीपीआर तैयार करने और आवश्यक एनओसी एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा ग्राम बालाछापर, जशपुर में विकसित एथनिक टूरिस्ट विलेज में स्थानीय हस्तशिल्प के निर्माण, प्रदर्शन और विक्रय की प्रगति की समीक्षा की गई। बगीचा के पर्यटन स्थल दनगरी, राजपुर कैलाशगुफा, खुड़िया रानी के विकास कार्य की प्रगति की भी समीक्षा किया गया और कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र, फाइनल व्यय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र और फोटोग्राफ्स शासन को उपलब्ध कराने संबंधित कार्य एजेंसी को निर्देश दिया गया।
पर्यटन प्रचार-प्रसार के लिए विशेष रूप से कुनकुरी-झारसुगड़ा मार्ग और जशपुर-गुमला मार्ग पर होर्डिंग स्थापित करने आम लोगों को प्रोत्साहित करने के साथ ही पर्यटक ऑकड़ों के संकलन और गणना हेतु सर्वे कार्य 2025 की योजना बनाने के लिए कहा गया। इसके अलावा जशपुर चाय बगान से निर्मित ग्रीन टी, टी बैग और चाय पत्ती का पर्यटन विभाग के होटल, मोटल और रिसॉर्ट में उपयोग करने का निर्णय लिया गया।

मयाली पर्यटन विकास की कार्ययोजना तैयार करने निर्देश

कलेक्टर जशपुर ने मयाली से किनकेल पर्यटन समिति का प्रशिक्षण आयोजित करने, शारदा धाम का मास्टर प्लान तैयार करने सहित कोतेबीरा में कैंपिंग और क्लाइंबिंग वॉल, जशपुर जंबोरी 2025 की तैयारी की समीक्षा और आगे की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने आगामी पर्यटन कार्यक्रमों की योजना बनाने सहित नए पर्यटन स्थलों के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार करने संबंधित विभाग के अघिकारियों को समन्वित कार्य करने कहा, जिनमें स्टार गेज़िंग फेस्टिवल, बटरफ्लाई मीट, टी फेस्टिवल, मेटिअर शावर ऑब्ज़र्वेशन, बर्ड फेस्टिवल और विंटर बाइक ट्रेल शामिल हैं।

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