नगरीय प्रशासन विभाग ने नालों-नालियों की सफाई और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी व्यवस्थाओं के दिए निर्देश
The Urban Administration Department gave instructions for cleaning drains and making necessary arrangements in flood affected areas

रायपुर। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने वर्षा ऋतु के पहले नालों और नालियों की सफाई तथा संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी व्यवस्थाओं के निर्देश दिए हैं. विभाग ने राज्य के सभी नगरीय निकायों को परिपत्र जारी कर नालों एवं नालियों पर कच्चे व पक्के अतिक्रमणों तथा अवरोधों को हटाने को कहा है. पेड़ों में लगे बोर्ड्स, साइन-बोर्ड्स, साइनेजेस, विज्ञापनों, बिजली के तारों तथा हाइटेंशन लाइन्स को भी हटाने के निर्देश विभाग ने दिए हैं.
नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को भेजे परिपत्र में कहा है कि वर्षा ऋतु में प्रायः यह देखने में आता है कि शहरों में बारिश के पानी के निकासी के लिए निर्मित नालियों की समय पूर्व समुचित सफाई न होने तथा पानी निकासी के रास्तों के अवरोधों को दूर नहीं करने के कारण आकस्मिक वर्षा से बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाती है. इस स्थिति से बचाव के लिए बरसात के पहले सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित कर लें.
विभाग ने संचालनालय से निकायों को जारी परिपत्र में नगर के मुख्य मार्गों के साथ-साथ गलियों व चौराहों की साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए हैं. नगर के सभी नालों व नालियों की पूर्ण एवं नियमित साफ-सफाई अंतिम छोर तक गहराई से किए जाएं. इस कार्य से किसी भी प्रकार से नदी या जल प्रदूषित न हों, इसका पूरा ध्यान रखा जाए. विभाग ने निर्माणाधीन नालों एवं नालियों में पानी बहाव के रास्ते से निर्माण सामग्रियों को हटाने को कहा है, जिससे पानी के बहाव में निरंतरता बनी रहे. नालों व नालियों में निर्मित कच्चे-पक्के अतिक्रमणों और अवरोधों को भी हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निकायों को बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर आवश्यक अमले, टूल, मशीन आदि के साथ ही नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति करने को कहा है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष की 24 घंटे वर्किंग सुनिश्चित करते हुए इसके फोन नम्बर आदि का व्यापक प्रचार-प्रसार करने भी कहा है. निचली बस्तियों एवं संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के चिन्हांकन के साथ ही वहां प्रभावितों का अनुमान लगाकर प्रभावितों के लिए अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थल भी चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं.
विभाग ने संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के भी निर्देश दिए हैं. अन्य क्षेत्रों में भी बाढ़ के दौरान एवं बाढ़ के प्रभाव के समाप्त होने पर संक्रामक बीमारियों की आशंका बनी रहती है. ऐसी स्थिति निर्मित होने पर संबंधित विभाग को इसकी सूचना देने कहा गया है. संचालनालय ने सभी नगरीय निकायों को वर्षा ऋतु के दौरान नागरिक सेवाओं के निर्बाध व सुचारू संचालन तथा बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है.