छत्तीसगढ़

एक पेड़ मां के नाम 2.0: मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने आम का पौधा लगाकर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Ek Ped Maa Ke Naam 2.0: Minister Laxmi Rajwade gave the message of environmental protection by planting a mango tree

सूरजपुर में रोपे गए 2.38 लाख से अधिक पौधे

45 हजार 833 प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों के घरों में भी पौधारोपण किया गया

रायपुर । एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में आज राज्य स्तरीय वृक्षारोपण कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की अगुवाई में कनकपुर में जिला स्तरीय कार्यक्रम हुआ, जिसमें उन्होंने आम का पौधा लगाकर हरियाली अपनाने और पर्यावरण सरंक्षण का संदेश दिया।

श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि मां और प्रकृति का रिश्ता बेहद आत्मिक है। जैसे मां हमें जीवन देती है, वैसे ही पेड़ हमें स्वच्छ हवा, फल, छाया प्रदान करते हैं। उन्होंने इसे बच्चों के लिए सुरक्षित व हरे-भरे कल की नींव बताते हुए सभी को इस मुहिम से जुड़ने की अपील की।
अभियान के अंतर्गत आज पूरे सूरजपुर जिले में एक साथ 2 लाख 38 हजार 994 पौधे रोपे गए। इनमें से सार्वजनिक स्थलों पर 31हजार 354, अन्य स्थानों पर 1 लाख 09 हजार 135 और प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के घरों में 98 हजार 505 पौधे रोपित किए गए। इसके अलावा 45 हजार

833 प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों के घरों में भी पौधारोपण किया गया।
यह वृक्षारोपण अभियान व्यापक स्तर पर चलाया गया, जिसमें शासकीय स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन, स्व-सहायता समूहों की महिलाएं और विभिन्न शासकीय भवन शामिल रहे।

इस कार्यक्रम में विधायक श्री भूलन सिंह मरावी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि देवपाल सिंह, जनपद उपाध्यक्ष श्री मनमत, श्री राजेश यादव, श्री संत सिंह, श्री अजय गोयल सहित अनेक जनप्रतिनिधि, कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू व अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। सभी ने मिलकर वृक्षारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपनी सहभागिता निभाई।
एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान राज्य में हरियाली को बढ़ावा देने के साथ-साथ ‘जल संचय सूरजपुर’ जैसे अभिनव प्रयासों को भी साकार कर रहा है। यह पहल न केवल पर्यावरणीय चेतना को जन आंदोलन में बदल रही है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में भी एक ठोस कदम बनकर उभर रही है।

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