छत्तीसगढ़

मोर गांव मोर पानी से मुंगेली बना जल संरक्षण की मिसाल

Mungeli becomes an example of water conservation with More Village More Water

रायपुर । कभी जल संकट से जूझते गांवों के लिए अब मुंगेली जिला एक प्रेरणा बन गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप जिले में मोर गांव मोर पानी अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण व प्रबंधन के लिए जो पहल शुरू की गई, वह आज एक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। ग्रामीणों की भागीदारी, तकनीकी मार्गदर्शन और समर्पित क्रियान्वयन ने इस अभियान को एक स्थायी विकास मॉडल बना दिया है।

डिफंक्ट बोरवेल को मिला नया जीवन

जल प्रबंधन के तहत जिले में 265 अनुपयोगी बोरवेल की पहचान की गई, जिनमें से 203 कार्यों को स्वीकृति मिली और 45 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 26 जून  को ही 11 कार्य पूर्ण कर लिए गए, जो अभियान की गति और गंभीरता को दर्शाता है। मुंगेली ब्लॉक सबसे आगे रहा, जहां 110 बोरवेल चिन्हांकित किए गए और इनमें से 32 का कार्य पूर्ण हो चुका है।

रिचार्ज पिट ने भूजल को दिया संबल

भूजल स्तर सुधारने के लिए अब तक जिले में 276 रिचार्ज पिट चिन्हांकित किए गए। इनमें से 129 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। सबसे अधिक रिचार्ज पिट लोरमी ब्लॉक में बने हैं, जहां 132 पिट चिन्हांकित किए गए हैं। यह कार्य आने वाले वर्षों में भूजल संरक्षण के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।

सामूहिक श्रमदान से हो रहे बोरी बांध निर्माण

बोरी बांध निर्माण में जनभागीदारी की मिसाल कायम की गई है। जिले में 160 बांधों का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 146 पहले ही पूर्ण हो चुके हैं और 14 कार्य प्रगति पर हैं। यह कार्य ग्रामीणों के श्रमदान से संपन्न हुए हैं, जो सामूहिक चेतना की शक्ति को दर्शाता है।

जन सहयोग से बना जन आंदोलन

पंचायत प्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूहों और आम ग्रामीणों ने न केवल इस कार्य में श्रमदान किया, बल्कि योजना, निर्माण और निगरानी में भी भागीदारी निभाई। यह अभियान अब सिर्फ सरकारी योजना नहीं, बल्कि गांवों का अपना अभियान बन चुका है। बनी हुई संरचनाओं से खेतों की सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे फसल उत्पादकता में सुधार होगा। साथ ही मछली पालन, सब्जी उत्पादन और वर्मी कंपोस्ट जैसी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक मजबूती और सतत आजीविका के अवसर मिलेंगे।

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