छत्तीसगढ़

बूझमाड़ के बच्चों ने क्रैक की कृषि प्रवेश परीक्षा, ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर ने फिर रचा इतिहास

Children of Boojmad cracked agriculture entrance exam, Gyanaguri coaching center created history again

शिक्षा के क्षेत्र में बस्तर बना सफलता की नई मिसाल

रायपुर । एक समय नक्सलवाद से प्रभावित रहे बस्तर ने अब शिक्षा के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बना ली है। बस्तर जिला प्रशासन द्वारा संचालित ज्ञानगुड़ी निः शुल्क कोचिंग सेंटर ने एक बार फिर साबित किया है कि यदि सही अवसर और मार्गदर्शन मिले, तो सबसे पिछड़े क्षेत्र का बच्चा भी ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है। इस वर्ष ज्ञानगुड़ी से कोचिंग लेकर अबूझमाड़ जैसे अत्यंत दुर्गम इलाके के छात्रों ने भी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और राज्य के विभिन्न कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त कर इतिहास रच दिया है।
इन छात्रों की यह सफलता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे ऐसे क्षेत्रों से आते हैं जहाँ बुनियादी शिक्षा सुविधाओं का भी अभाव है। विवेकानंद आश्रम नारायणपुर के संतों और शिक्षकों की पहल पर नारायणपुर जिले के इन बच्चों को बस्तर लाकर ज्ञानगुड़ी में पीएटी की कोचिंग दिलाई गई, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए।

ज्ञानगुड़ी: अवसर की पाठशाला

ज्ञानगुड़ी का उद्देश्य ग्रामीण, गरीब और जरूरतमंद छात्रों को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है। यहाँ सरकारी शिक्षक नीट, जेईई, पीएटी, वेटनरी, फार्मेसी, नर्सिंग जैसी परीक्षाओं के लिए पूरे वर्ष निः शुल्क तैयारी कराते हैं।

पीएटी में शानदार सफलता

इस वर्ष ज्ञानगुड़ी के 25 छात्रों ने पीएटी परीक्षा में सफलता हासिल की और शासकीय कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश पाया। छात्र भुवनेश्वर ने राज्य स्तर पर 11वीं रैंक प्राप्त कर संस्था का नाम रोशन किया। इससे पहले पीवीपीटी में 5वीं और नर्सिंग में 4वीं रैंक जैसे कीर्तिमान भी ज्ञानगुड़ी के विद्यार्थियों के नाम रहे हैं।

नीट परीक्षा में भी कमाल

ज्ञानगुड़ी के 67 छात्रों ने नीट 2025 की परीक्षा पास की है, जो इस सेंटर की गुणवत्ता और मेहनत का प्रत्यक्ष प्रमाण है। आज यह केंद्र न केवल बस्तर बल्कि पूरे संभाग और राज्य भर के विद्यार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा उद्घाटित इस कोचिंग सेंटर को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में शिक्षा प्रेमी अधिकारियों और समर्पित शिक्षकों की बड़ी भूमिका रही है। श्रीनिवास राव, मनीष श्रीवास्तव, संजीव बिस्वास, देवेश पाणिग्राही और प्रभारी अलेक्जेंडर चेरियन के प्रयासों से अब तक 400 से अधिक विद्यार्थियों को मेडिकल, एग्रीकल्चर व तकनीकी संस्थानों में प्रवेश दिलाया जा चुका है। ज्ञानगुडी में कमिश्नर, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ  द्वारा समय-समय पर छात्रों को प्रेरणा दिया जाता हैं। कमिश्नर और जिला कलेक्टर ने इन उपलब्धियों पर सभी विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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