छत्तीसगढ़
छात्रों पर अतिरिक्त बोझ: हॉस्टल प्रवेश से पहले ₹3000 भोजन शुल्क अनिवार्य, छात्रों में आक्रोश
Extra burden on students: ₹3000 food fee mandatory before hostel admission, students angry

रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के छात्र इन दिनों विश्वविद्यालय प्रशासन की नई व्यवस्था को लेकर नाराज़ हैं। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय परिसर स्थित छात्रावास (हॉस्टल) में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों से जबरन ₹3000 भोजन शुल्क जमा कराने की शर्त रखी गई है। बिना इस शुल्क का भुगतान किए हॉस्टल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

छात्रों का कहना है कि यह शुल्क केवल दो समय के भोजन के लिए निर्धारित है, जबकि इसकी वास्तविक लागत की तुलना में यह राशि कहीं अधिक है। सामान्य और मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले विद्यार्थियों के लिए यह शुल्क भारी आर्थिक बोझ साबित हो रहा है।

ज्ञापन देने वाले छात्रों ने बताया, शिक्षा और हॉस्टल सुविधा का उद्देश्य छात्रों को राहत और सहयोग देना होता है। लेकिन यहाँ पर जबरन भोजन शुल्क वसूलकर प्रवेश से वंचित करने जैसी स्थिति बनाई जा रही है। यह सरासर अन्याय है।

छात्रों का यह भी कहना है कि हॉस्टल प्रवेश प्रक्रिया छात्रों के लिए सहज और किफायती होनी चाहिए, ताकि हर वर्ग के विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव डाल रहा है।
मामले को लेकर छात्र समुदाय ने कुलपति को लिखित में आवेदन देकर इस शुल्क की समीक्षा की मांग की है। इसके साथ ही छात्रों ने कुलसचिव कार्यालय के सामने सांकेतिक प्रदर्शन भी किया और अपनी नाराज़गी जाहिर की। उनका कहना है कि यदि शीघ्र कोई सकारात्मक समाधान नहीं निकाला गया, तो वे विवि परिसर में उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
इस पूरे घटनाक्रम ने विश्वविद्यालय के छात्रों में असंतोष का माहौल खड़ा कर दिया है। अब देखना यह होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की मांग पर क्या कदम उठाता है।