छत्तीसगढ़

अचानकमार टाइगर रिजर्व में बढ़ी बाघों की संख्या

The number of tigers has increased in Achanakmar Tiger Reserve.

बिलासपुर: अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ गई है। यहां आंकड़ा 18 पहुंच गया है। जिनमें आठ शावक भी शामिल हैं। यह आंकड़ा प्रबंधन वनमंत्री की समीक्षा बैठक के दौरान साझा की है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसी तरह प्लानिंग पर जोर दिया गया तो आंकड़ा बढ़ेगा और देश के दूसरे टाइगर रिजर्व की तरह यहां भी सैर के दौरान पर्यटकों को हर दिन बाघों का दीदार होगा।

अचानकमार टाइगर रिजर्व में अब तक बाघों का सही आंकड़ा प्रबंधन ने साझा नहीं किया था। इसके पीछे सुरक्षा अहम वजह है। बाघों की संख्या को लेकर अक्सर आलोचना भी सामना भी करना पड़ता था। अब आलोचना जैसी स्थिति नहीं है। बीच-बीच में पर्यटकों को बाघ नजर आ रहे हैं। धीरे-धीरे कुनबा बढ़ रहा है। अब तो प्रबंधन ने अधिकृत आंकड़ा जारी कर दिया है। यह आंकड़ा गणना, ट्रैप कैमरे में तस्वीर और प्रत्यक्ष देखने के बाद जारी किया गया है।

ATR में संख्या बढ़ने पर वनमंत्री ने अफसरों की पीठ भी थपथपाई और इसी तरह बाघों के संरक्षण पर बेहतर काम करने के निर्देश दिए। बाक्स- इसलिए बढ़ रही संख्या टाइगर रिजर्व प्रबंधन का दावा है कि यदि बाघों की संख्या बढ़ रही है, तो उसके पीछे बेहतर प्रबंधन है। सुरक्षा के साथ घास के मैदान का तेजी से विकास हुआ है। इसके अलावा सबसे बड़ी वजह प्राकृतिक जलस्त्रोत है। वर्तमान में एटीआर के अंदर 500 से अधिक जलस्त्रोत हैं। जिनमें सालभर पानी रहता है। यहां विशेष निगरानी के लिए STPF टीम भी गठित है, जिनका मुख्य कार्य केवल बाघों की ट्रैकिंग करना है। इन सभी की व्यवस्थाओं के लिए इसी साल कोटा में जीआएस सेल भी स्थापित किया गया, जहां प्रत्येक सप्ताह व माह में प्राप्त सभी डाटा का एनालिसिस कर रिपोर्ट तैयार की जाती है।

वर्ष 2009 में अचानकमार को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। इस लिहाज से अचानकमार को टाइगर रिजर्व बने 16 साल हो गए हैं। इन 14 सालों में प्रबंधन को लग रहा है कि यहां बाघों की संख्या बढ़ रही है। शुरुआत में जब आकलन करने के लिए ठोस साधन नहीं थे, तब बाघों की संख्या कभी 18 तो कभी 20 बताई जाती थी। अब आकलन का स्वरूप बदला गया है, इसमें सबसे प्रमुख ट्रैप कैमरे हैं। इन कैमरों की खासियत है कि इसके सामने से बाघ या बाघिन गुजरते ही यह आटोमेटिक क्लिक हो जाता है। अब इसका उपयोग बड़े पैमाने पर होने लगा है।

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