छत्तीसगढ़

सोने व चांदी की बढ़ती कीमतों और ऑनलाइन दबदबे पर छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने जताई चिंता

Chhattisgarh Sarafa Association expressed concern over rising gold and silver prices and online dominance.

0-छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से करेगा मुलाकात

0-अध्यक्ष कमल सोनी बोले -मुख्यमंत्री व बीआईएस के साथ मंच साझा करना स्वर्णिम अवसर

0-पारंपरिक कारोबारियों ने मांगा नीति संरक्षण और ब्याजमुक्त ऋण

रायपुर–सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल ने छत्तीसगढ़ के सराफा बाजारों में उत्साह के साथ चिंता भी बढ़ा दी है। छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात करेगा। बैठक में व्यापारी बढ़ती अस्थिरता, ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा और पारंपरिक व्यापार के अस्तित्व से जुड़ी चिंताओं को साझा करेंगे। यह मुलाकात विश्व मानक दिवस के अवसर पर होगी, जिसमें भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस और राज्य सरकार के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री और बीआईएस के समक्ष अपने विचार रखने का यह हमारे लिए स्वर्णिम अवसर है। हमें उम्मीद है कि सरकार पारंपरिक सराफा व्यापार की स्थिरता और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाएगी। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिका-चीन तनाव और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में संभावित कटौती के संकेतों के बीच सोने में तेज़ी का रुख जारी है। रायपुर सराफा मार्केट में सोमवार को सोना 1,27,500  रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया, जबकि चांदी की कीमत 1,60,000 लाख रुपये प्रति किलो के करीब रही। विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में अचानक मुनाफावसूली की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। त्योहारी सीजन में जहां बिक्री में सुधार दिखा है, वहीं छोटे और पारंपरिक व्यापारियों के लिए यह तेजी चिंता का कारण बन गई है। कमल सोनी ने कहा, बड़ी कंपनियां और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अवास्तविक ऑफऱ और भ्रामक छूट देकर ग्राहकों को भ्रमित कर रहे हैं। इससे पारंपरिक कारोबारी, जिन्होंने पीढिय़ों से इस उद्योग को संभाला है, अब अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से ब्याजमुक्त ऋण सुविधा, राज्य-स्तरीय स्वर्ण-रजत व्यापार नीति और ऑनलाइन मूल्य हेराफेरी पर नियंत्रण जैसी प्रमुख मांगें रखेगा। एसोसिएशन के प्रवक्ता ने कहा कि पारंपरिक ज्वेलरी व्यापार को राज्य की संरक्षण नीति में शामिल करने की आवश्यकता है। यह सिर्फ व्यापार नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, उन्होंने कहा, यदि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए तो छोटे व्यापारी धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे। कमल सोनी ने कहा, मंगलवार की बैठक हमारे पूरे सराफा समुदाय के लिए निर्णायक साबित होगी। यह तय करेगी कि सोने की यह अभूतपूर्व चमक स्थिरता और विकास का रास्ता खोलेगी या पारंपरिक व्यापारियों के संघर्ष को और गहरा करेगी।

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