छत्तीसगढ़

पिता ने दिल पर पत्थर रखकर बेटी की चिता पर काटा केक

A heartbroken father cut a cake on his daughter's funeral pyre.

कवर्धा। कभी सोचा नहीं था कि जिस दिन बेटी केक काटेगी, उसी दिन उसे मुखाग्नि दूंगा—यह शब्द थे उस पिता के, जिसकी 14 वर्षीय बेटी आदित्री भट्टाचार्य का जन्मदिन मंगलवार को था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। चिल्फी थाना क्षेत्र के अकलघरिया के पास रविवार शाम बोलेरो-ट्रक हादसे में मां-बेटी की मौत के बाद जब शव 43 घंटे तक अस्पताल में बिना फ्रीजर रखे पड़े रहे, तब स्वजन का दुख और बढ़ गया। अंततः कवर्धा के लोहारा रोड मुक्तिधाम में मां परम भट्टाचार्य और बेटी आदित्री का अंतिम संस्कार हुआ। पिता ने बेटी की अंतिम इच्छा को याद करते हुए जन्मदिन पर ही मुक्तिधाम में केक काटा और विदाई दी। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। जिसने भी यह दृश्य देखा, उसका हृदय द्रवित हो उठा। इस दर्दनाक दुर्घटना में पांच लोगों की मौत और पांच घायल हुए थे। हादसे के बाद बोड़ला अस्पताल में चार शवों को 24 घंटे तक बिना फ्रीजर और बिना बर्फ के खुले कमरे में रखना पड़ा, जिससे अस्पताल परिसर में दुर्गंध और संक्रमण का खतरा फैल गया। घटना के 43 घंटे बाद मंगलवार को पोस्टमार्टम पूरा हुआ, वही कवर्धा के लोहारा रोड स्थित मुक्तिधाम में मां-बेटी का अंतिम संस्कार किया गया। सबसे भावनात्मक पल वह था, जब जिस बच्ची का जन्मदिन मंगलवार को था, उसी दिन उसे मुखाग्नि दी गई। बच्ची के पिताजी ने बताया कि दो दिन पहले फोन पर बात हुई थी, जिसमें बच्ची ने इस बार अपने जन्मदिवस को और ज्यादा अच्छे से मनाने और नये कपड़े लेने की बात कही थी, पर कभी यह नही सोचा था कि मुक्तिधाम मे बैठकर बच्ची का जन्मदिवस मनाऊंगा।

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