छत्तीसगढ़

जल जीवन पहुंची देगमेट तक – बदली जिंदगी की तस्वीर

Jal Jeevan reached Degmat - the picture of life changed

रायपुर । बीजापुर जिले के सुदूर और अति-दुर्गम वन क्षेत्र में स्थित ग्राम देगमेटा, जो कि फुलगट्टा पंचायत का आश्रित ग्राम है, अब बुनियादी सुविधाओं से जुड़कर विकास की मुख्यधारा में कदम रख चुका है। मर्री नदी को पार कर, घने जंगलों और पगडंडी रास्तों से होकर पहुँचने वाले इस ग्राम में अब हर घर में नल से शुद्ध पेयजल  मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय  की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन  द्वारा शासकीय  योजनाओ का लाभ आमजनों को निर्धारित  समय पर  देकर लाभ पहुँचाया जा रहा है।

सीमाओं से पार, सेवा की मिसाल बना देगमेटा

सिर्फ 26 परिवारों वाले इस छोटे से ग्राम में लोग वर्षों से पेयजल संकट से जूझ रहे थे। 4 हैण्डपंप ही एकमात्र साधन थे, और अधिकतर समय उन्हें नदी के पानी पर निर्भर रहना पड़ता था। अब भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना ने इस क्षेत्र में सौर ऊर्जा संचालित जल आपूर्ति योजना के माध्यम से बदलाव की नई कहानी लिखी है। ₹28.22 लाख की लागत से बनाई गई। इस योजना में 1191 मीटर पाइपलाइन बिछाई गई और प्रत्येक घर को नल कनेक्शन से जोड़ा गया।

दुर्गम रास्ते, लेकिन दृढ़ संकल्प

कच्चे, पथरीले और जंगली रास्तों से निर्माण सामग्री ग्राम तक पहुँचाना किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन विभागीय टीम की संकल्पशक्ति, समर्पण और सेवा-भावना ने असंभव को संभव कर दिखाया।

राहत, सुरक्षा और सम्मान

अब देगमेटा के लोगों को पानी के लिए नदी पार नहीं करनी पड़ती। यह सुविधा केवल सुविधा नहीं, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान की गारंटी बन गई है। विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के जीवन में यह एक बड़ा परिवर्तन लेकर आई है। ग्रामवासी पिरामा नेगी भावुक होकर बताते हैं कि नदी से पानी लाते समय अक्सर रास्तों में गिर जाते थे। आज घर में ही नल से पानी मिल रहा है, अब वो समय सपना लगता है। इसी प्रकार रत्तीराम नेगी कहते हैं कि हमारे बुजुर्ग भी पानी के लिए नदी जाते थे। अब घर-घर में नल लग गया है, हम सबके चेहरों पर खुशी है।

एक नई पहचान की ओर

 आज देगमेटा सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं की धरातली सफलता का प्रतीक बन गया है। यह उस सोच का परिणाम है, जिसमें हर अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुँचाने का संकल्प है। अब देगमेटा के लोग गर्व से कहते हैं कि सरकार ने पानी को हमारे घर तक पहुँचा दिया है।अब हमें नदी पार नहीं करनी पड़ती है।

Related Articles

Back to top button