छत्तीसगढ़

आशा समूह की महिलाएं बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल

Women of Asha group became an example of self-reliance

दुलदुला स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को परोस रहीं पोषक और स्वच्छ भोजन

रायपुर/ आशा महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दुलदुला की रसोई का संचालन कर रही हैं, जहां मरीजों को समय पर पौष्टिक, स्वच्छ और संतुलित भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पहल से न सिर्फ मरीजों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल रहा है, बल्कि समूह की सदस्य आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड की आशा महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर उल्लेखनीय कदम बढ़ा रही हैं। बिहान योजना के अंतर्गत गठित इस समूह ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि संगठन, समर्पण और सहयोग से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बन सकती हैं, बल्कि समाज में अपनी अलग पहचान भी बना सकती हैं।

समूह की सदस्य श्रीमती ज्ञानमुनि लकड़ा बताती हैं कि बिहान योजना से जुड़ने के बाद उन्हें प्रशिक्षण और लोन की सुविधा मिली, जिसके माध्यम से उन्होंने रसोई संचालन का ठेका लिया। अब समूह की महिलाएं पूरी निष्ठा और दक्षता के साथ भोजन निर्माण और वितरण का कार्य कर रही हैं। इस कार्य से प्रत्येक महिला को वार्षिक लगभग ₹60,000 की आमदनी हो रही है। वे कहती हैं, पहले हम सिर्फ घरेलू जिम्मेदारियों तक सीमित थीं, लेकिन अब आय अर्जित करने के साथ आत्मविश्वास और सामाजिक सम्मान भी मिला है। उन्होंने बताया कि समूह की अधिकांश महिलाएं पहले बीपीएल श्रेणी में थीं, लेकिन अब उनकी आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। समूह की एक और सदस्य श्रीमती ग्लोरिया तिर्की बताती हैं, जब से समूह से जुड़ी हूँ, बहुत कुछ नया सीखा है। पहले केवल घर तक सीमित थी, अब न केवल कमाई कर रही हूँ बल्कि लोगों की सेवा भी कर पा रही हूँ।

आशा महिला समूह की यह सफलता केवल आजीविका का साधन नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण का सशक्त उदाहरण भी है। बिहान योजना के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में यह एक प्रेरक पहल साबित हो रही है।

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