छत्तीसगढ़

आश्रम-छात्रावासों की व्यवस्था को दुरुस्त कर बच्चों को उपलब्ध कराएं बेहतर माहौल: मंत्री राम विचार नेताम

Provide better environment to children by improving the system of ashram-hostels: Minister Ram Vichar Netam

आदिम जाति एवं कृषि मंत्री ने बस्तर, नाराणपुर और कोण्डागांव जिले के कार्यो की समीक्षा की

रायपुर । आदिम जाति एवं कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने गुरुवार को जिला कार्यालय कोंडागांव के सभाकक्ष में बस्तर, नारायणपुर एवं कोंडागांव जिले के विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रगति की समीक्षा की।

उन्होंने बैठक में बीज एवं उर्वरक वितरण तथा किसानों के हित में कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए कृषि अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका है। मंत्री श्री नेताम ने किसानों के लिए प्रयाप्त मात्रा में मांग के अनुरूप बीज एवं खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय योजनाओं का कारगर क्रियान्वयन पूरी जिम्मेदारी के साथ करने को कहा।

आदिवासी विकास विभाग की समीक्षा करते हुए मंत्री श्री नेताम ने आश्रम-छात्रावास एवं विशिष्ठ संस्थाओं के भवन निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और गुणवत्ता के साथ सभी निर्माणाधीन कार्यों को तीन माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों की नियमित साफ-सफाई और बिजली, पेयजल, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावास में रहने वाले बच्चों के साथ संवेदनशीलता के साथ बर्ताव हो और खुशनुमा माहौल प्रदान करें।

मंत्री श्री नेताम ने सभी सहायक आयक्तों से कहा कि आश्रम-छात्रावासों में नियमित रूप से साफ-सफाई हो, बच्चों को मौसमी बीमारी से बचाव एवं उपचार, खाद्य सामग्री में स्वच्छता और गुणवत्ता का ध्यान रखने के साथ ही भोजन में मिलेटस को भी शामिल करने को कहा। उन्होंने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और प्रधानमंत्री जन मन योजना के प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के महात्वाकांक्षी योजना है, जो जनजातीय परिवार के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली है। उक्त योजनांतर्गत कार्यों को संबंधित विभागों के आपसी समन्वय से प्राथमिकता के साथ पूर्ण करें।

उन्होंने विभाग द्वारा अधिकृत कृषि केन्द्रों या कंपनी के बीज ही खरीदने हेतु किसानों को जागरूक करने पर बल दिया। मंत्री श्री नेताम ने कृषि एवं उद्यानिकी फसलों को और अधिक उन्नत बनाने तथा योजनाओं की पहुंच सभी किसानों तक सुनिश्चित करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने उद्यानिकी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर हेतु युवाओं को प्रशिक्षण देने एवं तकनीकी जानकारी देने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी प्रयास करने के निर्देश दिए। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि मिट्टी के स्वास्थ्य रिपोर्ट के आधार पर ही किसान उर्वरक का प्रयोग करें, इस दिशा में ध्यान केंद्रीत किया जाए।

मंत्री श्री नेताम ने उद्यानिकी विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए मसाला फसल क्षेत्र विस्तार अंतर्गत हल्दी के उत्पादन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कार्य करने को कहा। उन्होंने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र प्राप्त भूमि में औषधीय फसल लेने के लिए प्रेरित करनें और पर्यटन से जोड़ने का भी सुझाव दिया। साथ ही स्थानीय तौर पर विलुप्त हो रहे खेक्सी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाने कहा।

मंत्री ने उक्त इन जिलों में ऑयल पॉम की खेती को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इस क्षेत्र में नवाचार करने कहा। मंत्री श्री नेताम ने सभी विभागीय अधिकारियों से कहा कि विभागीय योजनाओं का लाभ समय पर एवं पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराएं। शासन की योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन का मॉनिटरिंग करने हेतु अधिक से अधिक फील्ड विजिट करें और किसानों से नियमित संवाद करते रहें और समन्वय बनाए रखें।

बैठक में विधायक एवं उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण सुश्री लता उसेण्डी, केशकाल विधायक श्री नीलकंठ टेकाम एवं कलेक्टर श्रीमती नुपूर राशि पन्ना, आदिवासी विभाग के अपर संचालक श्री जितेन्द्र गुप्ता, कृषि विभाग के अपर संचालक श्री सीबी लोढ़ेकर सहित बस्तर, नारायणपुर और कोंडागांव जिले के कृषि तथा आदिवासी विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

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