स्वास्थ्य विभाग का काम सिर्फ इलाज करना नहीं है, बल्कि बीमारी से पहले उसकी रोकथाम करना भी है : स्वास्थ्य मंत्री
The job of the health department is not only to treat, but also to prevent the disease before it occurs: Health Minister

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने हरी झंडी दिखाकर चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला को किया रवाना
राज्य में तीन दिन तक चलेगा “बने खाबो – बने रहिबो ” अभियान, मिलावट के खिलाफ जन-जागरूकता की बड़ी पहल
रायपुर । छत्तीसगढ़ में खाद्य सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को लेकर एक ऐतिहासिक पहल के तहत आज से तीन दिवसीय विशेष अभियान “बने खाबो – बने रहिबो” (अच्छा खाओ, स्वस्थ रहो) की शुरुआत हुई। यह अभियान 4 से 6 अगस्त तक चलेगा, जिसका संचालन खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है।
अभियान का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला को हरी झंडी दिखाकर किया गया। यह चलित प्रयोगशाला राज्य के 33 जिलों में घूम-घूम कर आमजन को गुणवत्ता पूर्ण भोजन और मिलावटी भोजन के प्रति लोगों को जागरूक करेगी तथा खाद्य सामग्री की मौके पर जांच करेगी, जिससे मिलावट के मामलों की तत्काल पहचान संभव होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान में सहभागी बनें, मिलावट से सतर्क रहें और स्वच्छ, सुरक्षित भोजन अपनाकर एक स्वस्थ छत्तीसगढ़ और विकसित भारत के निर्माण में सहयोग दें।
स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण, शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री पहुँचे। स्वास्थ्य विभाग का काम सिर्फ इलाज करना नहीं है, बल्कि बीमारी से पहले उसकी रोकथाम करना भी है यही प्रिवेंशन ऑफ डिजीज है।
उन्होंने कहा कि हमारे खानपान से संबंधित बीमारियाँ जैसे डायबिटीज़, थायरॉयड, फैटी लिवर, हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग आज बहुत आम हो चुके हैं। इनसे बचने के लिए जन-जागरूकता, स्वच्छता और मिलावट रहित भोजन बेहद ज़रूरी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए ‘मिलावट के खिलाफ अभियान’ को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ में ‘बने खाबो, बने रहिबो’ अभियान की नींव रखी गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद्य परीक्षण की व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने हेतु एक अत्याधुनिक राज्य स्तरीय खाद्य प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है, जिससे छत्तीसगढ़ को खाद्य परीक्षण के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
इस मौके पर सीजीएमएससी के अध्यक्ष श्री अमित म्हस्के ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही महत्वकांक्षी अभियान है जिसकी शुरूआत आज से की जा रही है। चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के माध्यम से प्रदेश की जनता में खाद्य सामग्रियों को लेकर जागरूकता बढ़ेगी तथा मिलावट करने वालों की असलियत भी सामने आएगी। उन्होंने बताया कि इस चलित प्रयोगशाला में एक लैब टेक्नीशियन तथा एक लैब असिस्टेंट की उपस्थिति रहेगी जिससे वो मौके पर ही खाद्य सामग्रियों का नमूना एकत्र कर उसकी जांच कर सकेंगे और आवश्यकता पड़ने पर खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ऐसे मिलावट करने वालों पर कार्रवाई भी करेगी।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया ने इस मौके पर कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को पता चले की हमें कैसा खाना खाना है और कैसे अपने शरीर को स्वस्थ रहना है। हम अपने भोजन को अपने जीवन में कैसे सही तरीके से उपयोग में लाएं ताकि हमारा शरीर स्वस्थ रहे और हमें किसी भी प्रकार की बीमारी ना हो, इन सबकेलिए हमें प्रयास करते रहना है। उन्होंने कहा कि हमें आम जनता को जागरूक करना है ताकि खाने में मिलावट को कैसे पहचाने और कैसे इस अभियान में हिस्सा लेकर शासन की मदद करें ताकि मिलावट करने वाले लोगों पर कार्रवाई भी की जा सके और लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक भी रहें।
इस अभियान के तहत स्ट्रीट फूड विक्रेताओं, रेस्टोरेंट्स, होटल्स एवं खाद्य सेवा प्रदायकों द्वारा उपयोग किए जा रहे खाद्य पदार्थों की जांच की जा रही है। उन्हें FSSAI के दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वच्छता, व्यक्तिगत हाइजीन, खाद्य भंडारण एवं प्रसंस्करण की जानकारी दी जा रही है। छत्तीसगढ़ आज देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है जहाँ मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के संचालन और फूड क्वालिटी टेस्टिंग में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज की गई हैं।