शराब घोटाले में 28 अधिकारियों पर होगा एक्शन
Action will be taken against 28 officials in the liquor scam

रायपुर: प्रदेश के बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले (CG Liquor Scam) में शामिल 28 आबकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी अब जल्द तय मानी जा रही है। राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने चार्जशीट दाखिल करने और राज्य सरकार द्वारा सभी आरोपितों को निलंबित किए जाने के बाद अब गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इन अधिकारियों ने गिरफ्तारी की आशंका के चलते पिछले महीने विशेष न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसमें खुद को निर्दोष बताते हुए पूछताछ में सहयोग देने और स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया गया था। हालांकि, अदालत ने सभी की याचिकाएं खारिज कर दी हैं। इसके बाद अब ईओडब्ल्यू जल्द ही गिरफ्तारी कर पूछताछ के लिए कुछ अधिकारियों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू ने आबकारी अधिकारी प्रमोद नेताम,नीतू नोतानी,एलएस ध्रुव,इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद पाटले, दिनकर वासनिक,नोहर ठाकुर,नवीन तोमर,विकास गोस्वामी,रामकृष्ण मिश्रा,मंजूश्री कसेर,विजय सेन,मोहित जायसवाल,गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन खंडुजा, अश्वनी अंनत,अंनत सिंह,सोनल नेताम,गरीब पाल सिंह,सौरभ बक्शी,जेठूराम मंडावी,देवलाल वैद्य, प्रकाश पाल, आशीष कोसम,राजेश जायसवाल समेत अन्य पर केस दर्ज किया है।
इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल, सेवानिवृत्त IAS अनिल टूटेजा और होटल व्यवसायी अनवर ढेबर समेत 15 लोग पहले से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। ईओडब्ल्यू की जांच में अब तक कुल 70 लोगों को आरोपित बनाया गया है,जिसमें आठ डिस्टलरी संचालक भी शामिल हैं। अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है। 28 अधिकारियों की संभावित गिरफ्तारी को लेकर विभागीय और राजनीतिक हलकों में खलबली मची हुई है।