चिड़ोरा की तारा बाई स्व-सहायता समूह से बनी आत्मनिर्भर
Tara Bai of Chidora became self-reliant through self-help group

बीसी सखी बनकर गांवों तक पहुँचा रही बैंकिंग सेवाएं
इसी कड़ी में जशपुर जिले के विकासखंड कांसाबेल के छोटे से ग्राम चिड़ोरा की तारा बाई ने प्रज्ञा स्व-सहायता समूह से जुड़कर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। समूह सहेली ग्राम संगठन से जुड़ने के बाद उन्होंने बीसी सखी का कार्य शुरू किया। चिड़ोरा गांव मुख्य मार्ग से न जुड़ा होने के कारण ग्रामीणों को बैंकिंग लेन-देन के लिए कांसाबेल तक जाना पड़ता था। लेकिन तारा बाई ने बैंकिंग सेवाएं गांव तक पहुँचाकर ग्रामीणों की सच्ची सखी बनने का काम किया है।
आज गांव के लोगों को वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, मनरेगा मजदूरी भुगतान, स्वयं सहायता समूहों की राशि का लेन-देन और अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए अब बैंक शाखा तक नहीं जाना पड़ता। ये सभी सेवाएं तारा बाई के माध्यम से गांव में ही उपलब्ध हो रही हैं। तारा बाई बताती हैं कि अब तक वे प्रतिमाह 50 से 60 लाख रुपये का लेन-देन कर रही हैं और इसके माध्यम से उन्हें 8 से 9 हजार रुपये मासिक आय हो रही है। इस आय से वे न केवल अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन गई हैं।