जनदर्शन में अद्भुत दृश्य—भिलाई के अंकुश देवांगन ने मुख्यमंत्री को भेंट की संगमरमर पर बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूक्ष्म प्रतिमा
Amazing sight at the public meeting: Ankush Dewangan of Bhilai presented a miniature marble statue of Prime Minister Narendra Modi to the Chief Minister.

भिलाई के अंकुश देवांगन ने रचा चमत्कार — संगमरमर पर उतारी मोदी जी की सूक्ष्म प्रतिमा
माइक्रो आर्ट का मास्टरपीस: भिलाई के कलाकार ने बनाई मोदी जी की सूक्ष्म प्रतिमा, मुख्यमंत्री ने की सराहना
प्रतिमा को देखने के लिए फ्रेम में एक माइक्रोस्कोपिक लेंस लगाया गया है, जिसकी सहायता से ही प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे के भाव, मुस्कान और बालों की सूक्ष्म रेखाएं स्पष्ट दिखाई देती हैं। संगमरमर के छोटे-से टुकड़े को तराशकर श्री देवांगन ने यह अनोखा कला-चमत्कार सृजित किया है।
श्री अंकुश देवांगन भिलाई स्टील प्लांट में एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन बचपन से ही उनका झुकाव छोटी-छोटी वस्तुओं को आकार देने और उनसे अनूठी कलाकृतियाँ बनाने की ओर रहा है। मात्र 10 वर्ष की आयु में उन्होंने पहली बार लकड़ी का छोटा-सा खिलौना बनाया था। इसके बाद उन्होंने धातु ढालने के सांचे बनाए, मिट्टी की मूर्तियाँ गढ़ीं और अंततः पत्थर तराशने की कला अपनाई। पिछले 45 वर्षों से वे निरंतर माइक्रो आर्ट की दुनिया में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने फ्रेम को हाथ में लेकर बड़े ध्यान से देखा और कहा,“यह केवल कला नहीं, समर्पण और धैर्य का प्रतीक है। अंकुश जी ने प्रधानमंत्री जी के प्रति अपनी भावना को जिस खूबसूरती से व्यक्त किया है, वह काबिल-ए-तारीफ है।”
मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य स्तर पर प्रदर्शनी लगाने का प्रस्ताव देते हुए कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली कलाकारों को प्रोत्साहित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
श्री देवांगन ने बताया कि आधे सेंटीमीटर आकार की इस प्रतिमा को बनाने में उन्हें लगभग दो महीने लगे। दिन में नौकरी और रात में कला—यही उनकी दिनचर्या रही। उन्होंने कहा,“मोदी जी ने राम मंदिर का सपना पूरा किया, इसलिए मैंने दोनों को एक ही फ्रेम में स्थान दिया। यह मेरा छोटा-सा योगदान है।”
मुख्यमंत्री कार्यालय के जनदर्शन में लोग प्रायः अपनी समस्याएँ लेकर आते हैं, लेकिन आज एक व्यक्ति अपनी कला लेकर आया और सबका दिल जीत लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस फ्रेम को अपने कार्यालय में विशेष स्थान पर रखने का निर्णय लिया है।
श्री अंकुश देवांगन का अगला लक्ष्य दुनिया की सबसे छोटी राम सेतु प्रतिकृति बनाना है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,“जब तक हाथ चलते रहेंगे, कुछ नया बनता रहेगा।”



