मुख्यमंत्री साय ने दी बधाई : बस्तर को आकांक्षी जिला श्रेणी में मिला राज्य स्तरीय गोल्ड मेडल तोकापाल विकासखंड को मिला कांस्य पदक
Chief Minister Sai congratulated: Bastar got state level gold medal in aspiring district category, Tokapal development block got bronze medal

“सहयोग, प्रतिस्पर्धा और जनभागीदारी ही विकास की कुंजी”- मुख्यमंत्री श्री साय
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर जिले के प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं जनता को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया आकांक्षी जिलों का अभियान एक-दूसरे से सीखने और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से विकास को गति देने का माध्यम बन रहा है। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए क्षमता विकास और श्रेष्ठ गतिविधियों को अपनाकर ही लोगों का जीवनस्तर बेहतर किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश के अन्य जिलों से भी आह्वान किया कि वे बस्तर की भांति एक-दूसरे की श्रेष्ठ पहलों को अपनाकर विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में सक्रिय योगदान दें।
ज्ञातव्य है कि नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिला एवं विकासखंड कार्यक्रम के अंतर्गत सम्पूर्णता अभियान 4 जुलाई से 30 सितम्बर 2024 तक संचालित किया गया था। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि और महिला सशक्तिकरण के तहत चिन्हांकित छह सूचकांकों में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करना था। इस दौरान कृषि विभाग द्वारा 8,500 किसानों के सॉयल हेल्थ कार्ड बनाकर वितरित किए गए। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सात विकासखंडों में कुल 1,922 गर्भवती महिलाओं का एएनसी पंजीयन कराया। टीकाकरण के तहत 1,801 शिशुओं को शत-प्रतिशत टीके लगाए गए। महिला एवं बाल विकास विभाग ने 7,894 हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया। स्कूल शिक्षा विभाग ने 177 स्कूलों में विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित की तथा समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से पाठ्यपुस्तकों का शत-प्रतिशत वितरण किया गया।
इस अभियान के दौरान बस्तर जिले के ग्रामीण और आंतरिक क्षेत्रों में लक्षित लाभार्थियों तक सेवाएं पहुंचाने में सफलता मिली है। पंचायत विभाग सहित सभी विभागों ने मिलकर जनभागीदारी आधारित एक प्रभावी मॉडल प्रस्तुत किया है, जिससे सभी छह सूचकांकों पर लक्ष्य प्राप्त किए गए।
उल्लेखनीय है कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनवरी 2018 में की गई थी। इसका उद्देश्य देश के 112 सबसे पिछड़े जिलों का समग्र और तीव्र विकास सुनिश्चित करना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का अभिसरण, अधिकारियों के परस्पर सहयोग और मासिक डेल्टा रैंकिंग के माध्यम से जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया गया है। कार्यक्रम की विशेषता यह है कि यह प्रत्येक जिले की क्षमता को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार करता है, त्वरित सुधार के लिए जरूरी पहलों की पहचान करता है और 5 सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों – स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास, और बुनियादी ढांचे के अंतर्गत 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों पर मासिक प्रगति को मापता है।