छत्तीसगढ़
छात्रा इशिका ने शिक्षा के क्षेत्र में हासिल की बड़ी उपलब्धि
Student Ishika achieved a great achievement in the field of education

उच्च शैक्षणिक सम्मान, इशिका सिंह को मिला बीटा गामा सिग्मा की सदस्यता में स्थान
बीटा गामा सिग्मा सिडनी विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित सम्मान
भिलाईनगर :- सिडनी विश्वविद्यालय में अध्ययनरत भारतीय छात्रा इस्पात नगरी भिलाई की बिटिया इशिका सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्हें कॉलेजिएट बिजनेस स्कूलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सम्मान संस्था बीटा गामा सिग्मा की सदस्यता के लिए चुना गया है। बीटा गामा सिग्मा एक ऐसी संस्था है जो व्यवसायिक शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सदस्यता प्रदान करती है।

यह सदस्यता केवल उन छात्रों को मिलती है जो अपने बैच के टॉप 10% में आते हैं और जिन्होंने शिक्षा, नेतृत्व व नैतिक मूल्यों में उच्च मानक स्थापित किए हों। इशिका सिंह का चयन, सिडनी विश्वविद्यालय में उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता, समर्पण और नेतृत्व क्षमताओं के आधार पर किया
गया है। यह सम्मान उनके लिए ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी गर्व की बात है।
बीटा गामा सिग्मा की सदस्यता आज वैश्विक स्तर पर एक प्रेस्टीज सिंबल मानी जाती है। इसके
सदस्य दुनिया के प्रतिष्ठित कंपनियों, संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों में नेतृत्व भूमिका निभा रहे हैं। इसके सदस्य विश्वविद्यालयों और बिजनेस स्कूलों के सर्वश्रेष्ठ छात्र होते हैं। इशिका सिंह को यह सम्मान 29 अक्टूबर 2025,को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।

एक अंतरराष्ट्रीय मानद व्यवसाय सम्मान
बीटा गामा सिग्मा के भारत में 8000 सदस्य हैं वही वैश्विक स्तर पर 9 लाख सदस्य हैं। यह उन छात्रों और बिजनेस स्कूलों को मान्यता देती है जो उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को पूरा करते हैं। वहीं यह सर्टिफिकेट उन छात्रों को दिया जाता है जिन्होंने मान्यता प्राप्त बिजनेस स्कूलों से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है और जिन्होंने शैक्षणिक उत्कृष्टता और नेतृत्व गुणों का प्रदर्शन किया है।
शिक्षक और शुभचिंतकों ने दी बधाई-उनकी इस सफलता पर पिता तथा भिलाई ट्रक टेलर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव मलकित सिंह लल्लू, अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, शिक्षक, परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई दी है। इशिका ने भी इस सम्मान को अपनी मेहनत, परिवार के सहयोग और शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम बताया।