रजत महोत्सव : धमतरी जिले की कृषि प्रगति : 25 वर्षों की उपलब्धियों की सुनहरी गाथा
Silver Festival: Agricultural progress of Dhamtari district: Golden saga of 25 years of achievements

- लेख: शशिरत्न पाराशर
सबसे पहले अनाज एवं धान्य फसलों की स्थिति पर दृष्टि डालें तो खरीफ फसल का रकबा जहाँ वर्ष 2000 में 1,37,575 हेक्टेयर था, वहीं वर्ष 2025 में यह लगभग स्थिर रहते हुए 1,35,886 हेक्टेयर दर्ज किया गया। यह दर्शाता है कि धान जिले की मुख्य खरीफ फसल के रूप में अपनी स्थिति को बरकरार रखे हुए है। इसके विपरीत रबी फसलों का क्षेत्र 40,930 हेक्टेयर से बढ़कर 60,620 हेक्टेयर हो गया है, जो 48.11% की वृद्धि को इंगित करता है। यह वृद्धि जिले में रबी फसलों की लोकप्रियता और किसानों द्वारा आधुनिक सिंचाई साधनों के उपयोग का प्रत्यक्ष परिणाम है।
दलहन और तिलहन फसलों में भी जिले ने नई ऊँचाइयाँ प्राप्त की हैं। खरीफ दलहन का क्षेत्र जहाँ 498 हेक्टेयर था, वह 693 हेक्टेयर तक पहुँच गया। वहीं रबी दलहन में तो अभूतपूर्व 205.49% की वृद्धि दर्ज की गई और यह क्षेत्र 10,570 हेक्टेयर से बढ़कर 32,290 हेक्टेयर हो गया। इसी प्रकार तिलहन फसलों में जहाँ खरीफ में 10.52% की गिरावट आई, वहीं रबी में 498.04% की उल्लेखनीय वृद्धि ने जिले को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया है।
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार जिले की कृषि उन्नति का सबसे मजबूत आधार साबित हुआ है। वर्ष 2000 में खरीफ का सिंचित क्षेत्र 87,390 हेक्टेयर था, जो बढ़कर 1,20,026 हेक्टेयर हो गया। यह 37.35% की वृद्धि है। रबी में तो और भी बड़ी छलांग लगाई गई है। यहाँ सिंचित क्षेत्र 32,500 हेक्टेयर से बढ़कर 74,490 हेक्टेयर हो गया है, जो 129.20% की ऐतिहासिक वृद्धि दर्शाता है। यही कारण है कि जिले में रबी फसलों की उत्पादकता और स्थिरता दोनों में इजाफा हुआ है।
जिले में बीज और उर्वरक वितरण की व्यवस्था भी किसानों के हित में लगातार सुदृढ़ हुई है। वर्ष 2025 में बीज वितरण 60,895 क्विंटल और उर्वरक वितरण 26,950 टन दर्ज किया गया। बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत खरीफ में 650 हेक्टेयर और रबी में 268 हेक्टेयर क्षेत्र सम्मिलित किया गया है। फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ में 10,864.4 हेक्टेयर और रबी में 5,445 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया, जिससे किसानों को जोखिम प्रबंधन की सुविधा उपलब्ध हुई।
जैविक खेती के क्षेत्र में भी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। वर्ष 2000 की तुलना में खरीफ में जैविक खेती का क्षेत्र 1,180 हेक्टेयर से बढ़कर 1,680 हेक्टेयर तथा रबी में 100 हेक्टेयर से बढ़कर 250 हेक्टेयर हो गया है। यह वृद्धि पर्यावरण संरक्षण और सतत कृषि की दिशा में किसानों की बढ़ती रुचि को दर्शाती है।
किसानों की आय संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जिले के 1,02,036 कृषक सीधे लाभान्वित हुए हैं। समर्थन मूल्य पर उपार्जन की स्थिति भी उत्साहजनक रही है। वर्ष 2000 में जहाँ धान का समर्थन मूल्य 540 रुपये प्रति क्विंटल था, वहीं 2025 में यह बढ़कर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, जो 474% की वृद्धि है। इसके अलावा, पहली बार जिले में चना उपार्जन भी किया गया, जिसमें 2,212 किसानों से 20,646.5 क्विंटल चना खरीदा गया और 1,166.52 लाख रुपये का भुगतान किया गया।
पिछले 25 वर्षों में धमतरी जिले की कृषि व्यवस्था ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। रबी फसलों, दलहन एवं तिलहन उत्पादन, सिंचाई विस्तार, जैविक खेती और समर्थन मूल्य पर उपार्जन जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति से न केवल किसानों की आय में वृद्धि हुई है बल्कि कृषि क्षेत्र आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हुआ है। खरीफ 2025 की फसल क्षेत्राच्छादन की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत जिले की कृषि उपलब्धियों का नया अध्याय और सशक्त रूप से सामने आएगा।