दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना से आत्मनिर्भर बनीं भुनेश्वरी
Bhuneshwari became self-reliant through Didi E-rickshaw Assistance Scheme

एक लाख रूपए का मिला अनुदान तो स्वरोजगार हुआ स्थापित, जीवन हुआ खुशहाल
रायपुर के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली श्रीमती भुनेश्वरी साहू कभी रोजी-मजदूरी कर अपने परिवार के खर्चों में अपना योगदान देती थीं। सीमित आय और कठिन परिस्थितियों में जीवन जीते हुए भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनके अंदर आत्मनिर्भर बनने की इच्छा थी, जिसे उन्होंने कभी खत्म होने नहीं दिया। आज श्रीमती भुनेश्वरी साहू अपने आत्मविश्वास, मेहनत और छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से समाज में एक सशक्त महिला के रूप में सामने आई। अब वे अपने पैरों पर खड़ी हैं और दूसरों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।
लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने ‘दीदी ई-रिक्शा योजना’ के तहत एक ई-रिक्शा खरीदी और उसे ही अपनी आजीविका का साधन बना लिया। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीकृत महिला श्रमिकों को ई-रिक्शा खरीदने पर 1 लाख रूपए की सब्सिडी प्रदान की जाती है। श्रीमती साहू ने इस योजना का लाभ उठाते हुए न केवल अपना स्वरोजगार स्थापित किया, बल्कि अपनी मेहनत से यह सिद्ध कर दिखाया कि अगर अवसर मिले और हौसला हो, तो कोई भी महिला आत्मनिर्भर बन सकती है और किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती है।
वर्तमान में श्रीमती साहू प्रतिदिन 6 से 8 घंटे ई-रिक्शा चलाती हैं और उसी से प्राप्त आय से अपने घर का खर्च चलाने के साथ-साथ अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं। वे नियमित रूप से लोन की मासिक किश्त ईएमआई चुका रही हैं और भविष्य में अपने व्यवसाय के विस्तार का सपना देख रही हैं। उनका मानना है कि स्वरोजगार केवल आय का स्रोत नहीं होता, बल्कि यह आत्मसम्मान और आत्मविश्वास का प्रतीक होता है।
श्रीमती भुनेश्वरी साहू कहती हैं, पहले मैं एक श्रमिक के रूप में काम करती थी और मुश्किल से घर चलाती थी। लेकिन मेरा सपना था कि मैं कुछ अपना करूं, जिससे न केवल मेरा बल्कि मेरे बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित हो सके। जब मैंने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीयन कराया, तब मुझे श्रम विभाग से जानकारी मिली कि सरकार महिलाओं के लिए स्वरोजगार की योजनाएं चला रही है। जब मैंने दीदी ई-रिक्शा योजना के बारे में जाना, तो मुझे लगा कि यही मौका है। मैंने साहस किया, आवेदन किया और आज परिणाम मेरे सामने है।
श्रीमती साहू कहती हैं कि सरकार की योजनाएं हम जैसे श्रमिकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। आज मैं अपने दम पर खड़ी हूं, अपने परिवार का सहारा बनी हूं और समाज में आत्मविश्वास के साथ जी रही हूं। मैं छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की आभारी हूं, जिनकी सोच और योजनाओं की वजह से आज हम महिलाएं मुख्यधारा से जुड़कर एक सम्मानजनक और खुशहाल जीवन बिता रहे हैं।