
रायपुर: राज्य में हुए शराब, कोयला और धान घोटाले में भी पूर्व आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर की जोड़ी की संलिप्तता सामने आई है। कस्टम मिलिंग घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को ही इन्हें गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।
शराब घोटाला 3,200 करोड़, कोयला घोटाला 500 करोड़ और धान कस्टम मिलिंग घोटाला करीब 140 करोड़ का है। उक्त घोटाले कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के समय किए गए थे। इनके साथ ही प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल का नाम भी इन घोटालों में शामिल है। रामगोपाल करीब तीन साल से फरार है। इस सिंडीकेट की प्रदेश में घोटालों को अंजाम देने में सूत्रधार की भूमिका सामने आ रही है।
जांच एजेंसी का दावा है कि अकेले अनिल टूटेजा ने धान घोटाले से 30 करोड़ से अधिक की कमाई की है। जांच एजेंसी की सूत्रों मानें तो इस पूरे घोटाले को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सबसे ताकतवर माने जाने वाले नौकरशाह अनिल टूटेजा का इस में बड़ा हाथ है।
टूटेजा ने अपने खास अफसरों, नेताओं व कारोबारियों के साथ मिलकर चावल मिलरों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की सुनियोजित साजिश रची और उसे अंजाम तक पहुंचाया। रोशन चंद्राकर ने अलग-अलग जिलों से वसूली की गई राशि सिद्धार्थ सिंघानिया के माध्यम से अनवर ढेबर और फिर अनिल टूटेजा तक पहुंचाते थे। इसके बाद कमीशन की रकम की बंदरबांट होती थी।